शिक्षा माफियाओं पर कारवाई क्यों नहीं कर रही है कमलनाथ सरकार !?
शिक्षा जगत में सैकड़ों की तादाद में मिलेंगे बॉबी छाबड़ा, चम्पू, डागरिया, बब्बू-छब्बू, चिराग, द्विवेदी के बाप...
चोर, लूटेरे, डकैत, मुनाफाखोर, नकली और फर्जी सफेदपोश तथाकथित शिक्षाविद! और शिक्षा के महाधूर्त व्यापारी!
री-डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर पिछले दो दशकों में मध्यप्रदेश में शिक्षा और कोचिंग माफिया ने जिस तरह प्रदेश के छात्रों का भविष्य बर्बाद किया है वरन छात्रों के मां-बाप और अभिभावकों की खून-पसीने और मेहनत की कमाई को लूटा, खसोटा या यूं कहे सीधे-सीधे डकैती ही नहीं किसी शातिर ठग को भी मात देते हुए छात्रों और उनके अभिभावकों की आंखों में धूल झोंककर लूटा है! उतना तो आज तक प्रदेश के किसी भी सेक्टर के माफिया संगठन ने नहीं लूटा है! तो फिर कमलनाथ सरकार प्रदेश के शिक्षा जगत को गिरफ्त में ले चुके सफ़ेदपोश शिक्षा माफियाओं के खिलाफ अभियान क्यों नहीं चला रही है!
देश के इतिहास में देश के भविष्य बच्चों, छात्रों और युवाओं के साथ उनकी शिक्षा को लेकर तीन सबसे घिनौनी और शर्मनाक व्यवस्थाएं पुराने सनातन युग से लेकर आज़ादी के पहले तक और आज़ादी के बाद से लेकर आज तक इस देश में राजा-रजवाडों से लेकर आधुनिक लोकतांत्रिक सरकारों के हुक्मरानों के समय तक जारी है!?
पहली घिनौनी और शर्मनाक व्यवस्था जो सनातन काल से लेकर आज़ादी के पहले तक थी की एक बड़ी आबादी को हमने शिक्षा के अधिकार से ही वंचित कर के रखा हुआ था! सिर्फ समाज का राज कुल और श्रेष्ठी वर्ग को ही शिक्षा पाने का अधिकार था !
दूसरी घिनौनी और शर्मनाक व्यवस्था जो की सनातन काल की शिक्षा व्यवस्था का बदला थी और है "आरक्षण " यह व्यवस्था भी ठीक उसी तरह की है जैसे प्रतिभावान एकलव्य को उच्च शिक्षा और उच्च पद पाने से वंचित किया गया था! वही व्यवस्था आज भी आरक्षण के नाम पर चलाई जा रही है फिर प्रतिभावान छात्रों का उच्च शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है!
और तीसरी पिछले दो दशकों से तीसरी सबसे खतरनाक और शर्मनाक शिक्षा माफिया व्यवस्था ने भारत के शिक्षा जगत को गिरफ्त में ले रखा है! सरकारों की नीतियों ने शिक्षा जैसी मानव समाज की बुनियादी आवश्यकता का सम्पूर्ण रूप से बाजारीकरण कर दिया! शराब माफियाओं, बिल्डरों, गैर शिक्षाविदो, भ्रष्ट नौकरशाहों और राजनेताओं ने स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज स्तर तक की शिक्षा पर सरकार की नीतियों और कानूनों के दम पर किसी दूसरे माफिया की तरह पूरी तरह अपने हाथों में जकड़ रखा है! जहां पर न सिर्फ अबोध छात्रों के भविष्य और ज्ञान प्राप्त करने के उनके अधिकार के साथ किसी धोखेबाज, चोर, लुटेरे और ठग की भांति खिलवाड़ किया जा रहा है! वरन उनके घरों, माता-पिता और अभिभावकों को सिर्फ लूटा और खसोटा ही नहीं वरन कर्ज के दल-दल में डुबोकर मारा भी जा रहा है! और आर्थिक आरक्षणवाद का युग चल रहा है! जिसके पास पैसा सिर्फ वही पढ़ेगा!
स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटियों के होते हुए भी कोचिंग माफियाओं के मकडज़ाल में फसाया जा रहा है!
फर्जी और गैर मान्यता प्राप्त कोर्स! गैर मान्यता प्राप्त और अर्थहीन डिग्री! अयोग्य फेकेल्टी! बिना उपकरण की प्रयोग शालाएं! कोचिंग माफिया से दलाली लेकर छात्रों को वहां पढऩे के लिए विवश करना! उनके लिए डमी स्कूल और कॉलेज खोलना! परीक्षाओं में नकल और नंबर बढ़ाकर देना! फर्जी और झूठे रिजल्ट और प्लेसमेंट के दावे कर छात्रों को भ्रमित करना!... नकल माफिया! हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी की यही कहानी है!
लाखों रुपए की स्कूलों की फीस! हर कॉलेज की अलग-अलग फीस! सरकारी छात्रवृति की लूटमार!
शिक्षा माफियाओं पर कारवाई करने की ठानों कमलनाथ इतिहास में अमर हो जाओगे की आया था कोई हुक्मरान जिसने भारत के भविष्य को बचाया! नहीं तो भारत के भूतकाल को वापस लाने के लिए देश -दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी तो काम कर ही रही है!